गोडियम IVF केन्द्र में असफल आई. वी. एफ. का हल

Gaudium IVF और Gynae Solution Centre द्वारा आरम्भ किया गया Hope Reporn कैंपन एक विशेष आरम्भ है, उन दम्पत्तियों के लिए, जो कहीं IVF ट्रीटमैंट करा चुके हों। परन्तु दुर्भागयवश सफलता नहीं मिली। हमारी जनन इलाज की पहुंच के कारण, हमने उन औरतों की सहायता की है, जिन्होंने अपने हाथों में अपना बच्चा पकडऩे का सपना देखा था, परन्तु असफल IVF के कारण ऐसा नहीं हो सका।

2014 में डा. मनिका खन्ना को दिल्ली के बढिय़ा IVF अनुभवी के नाम से सम्मानित किया गया और भारत में बांझपन के इलाज के लिए काफी अधिक उपलब्धियां प्राप्त करके इन्हें कई अवार्डों से सम्मानित किया गया। इन्होंने एक ऐसे दम्पति की जिसने अन्य कई केन्द्रों में पिछले 15 IVF चक्करों में असफल रहे दम्पतियों को एक स्वस्थ लडक़े को जन्म देने में मदद करके एक अनोखा कीर्तिमान स्थापित किया है।

इस अनूठी उपलब्धि ने विश्व हैडलाईन और भारत का बढिय़ा IVF केन्द्र होने का दर्जा गोडियम आई. वी. एफ. को दिया, जहां बहुत अधिक निराश फर्टीलिटी रोगियों की भी उम्मीद बढ़ी और उन्हें भी खुशियां मिलीं।

गोडियम चमत्कारी बच्चा 15 असफल IVF चक्करों के बाद जन्मा

गोडियम चमत्कारी बच्चे के नाम से यह बच्चा गोडियम में 15 असफल चक्करों (१ UK में और 14 भारत में) के बाद पहले प्रयास में ही जन्मा।

श्रीमती सफला रानी भाटिया, 55 वर्ष आयु के भारत व विदेशों में कई क्लीनिकों में असफल फर्टीलिटी ट्रीटमैंट करवा चुके रोगी को Polycystic ovarian Syndrome (PCOS) रोग था, जिस कारण वह प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर सकती थी। दिल्ली के Gaudium IVF में, उसके PCOS का इलाज किया गया और एण्डोमैट्रीयल ग्रहण करने की कम क्षमता को किसी विशेष इलाज के प्रोटोकोल द्वारा जांचा गया। उसका स्नस्॥ FSH (Follicle Stimulating Hormone) / LH (Luteinizing Hormone) अनुपात कई वर्षों से खराब PCOS के कारण बिगड़ा हुआ था। एक विशेष प्रोटोकोल के एक भाग की तरफ से, उसके भ्रूण पर एण्डोमैट्रीयल रगड़ डाली गई और भ्रूण स्थापना से 48 घण्टे पहले गोंद भी डाली गई। उसका रक्तचाप अधिक और अधिक रक्त शर्करा का इलाज भी किया गया तथा हार्मोनों के सन्तुलन को बनाए रखने के लिए हार्मोन थैरेपी भी दी गई। ये सभी पड़ाव इस लिए किए गए ताकि एण्डोमैट्रीयल ग्रहण करने की क्षमता को बढ़ाया जा सके क्योंकि अच्छा भ्रूण होने के बावजूद पिछले समय में उसके कई आरोपन (RIF) असफल हुए थे।

इन मापदण्डों के बाद, सफला रानी ने 2014 में एक स्वस्थ लडक़े को जन्म दिया।

एण्डोमैट्रीयल स्कैच : एण्डोमैट्रीयम को एक सिलाई के साथ रगड़ा जाता है। यह सिलाई पतली, लचकदार और संक्रमण रहित होती है ताकि इसे भ्रूण आरोपण के लिए ज्यादा ग्राही (ग्रहण करने वाला) बना सके।

भ्रूण की गोंद : एक विशेष गोंद एण्डोमैट्रीयम में भ्रूण को जोडऩे के लिए, ताकि आरोपण सफल हो सके, डाली जाती है।

इस इलाज को पिछले असफल IVF के हल की तरह एक भावुक और ध्यापूर्वक तथा व्यपारिक वातावरण में किया गया। Gaudium IVF और gynal solution centre उन दम्पतियों के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर उभरा है, जो पहले IVF के असफल होने पर अब संघर्षरत है।

अपना बच्चा होने की उम्मीद छोडऩे से पूर्व, डा. मनिका खन्ना द्वारा पिछले असफल IVF के हल के बारे में पढ़ो, डा. मनिका खन्ना जो कि भारत के सर्वोत्तम IVF डाक्टर है, और पिछले IVF असफल हो जाने वाले रोगियों का सफल इलाज करने में सक्षम है।

यदि आप अच्छी गुणवत्ता की जनन रक्षा की खोज में भारत में किसी बढिय़ा IVF केन्द्र को खोज रहे हों तो कृपया फोन करें : +91 8527 85 85 85 या हमें लिखें info@gaudiumiumivfcentre.com/ inquiry@gaudiumivfcentre.com