लेजर असिस्टिड हैचिंग

लेकार की सहायता से अण्डे सेना/तैयार करना एक प्रयोगशाला की विधि है, जिसमें IVF अथवा ICSI चक्कर दौरान भ्रूण आरोपण के लिए लेकार तकनीक का प्रयोग किया जाता है। साधारण ब्यौरे के लिए आगे पढ़ें।

गर्भधारण होने के लिए, सबसे पहले भ्रूण का गर्भाशय की दीवार एण्डोमैट्रीयम झिल्ली के साथ जुडऩा आवश्यक होता है। इसे भ्रूण आरोपण कहते हैं। इसके होने के लिए, सबसे पहले भ्रूण को इसके मोटे बाहरी आवरर्ण Zone Pellucida को तोडऩा, मुक्त होना और सेना आवश्यक होता है।

कई बार अच्छी गुणवत्ता का भ्रूण और एण्डोमैट्रीयम के ग्राही होने के बावजूद भी IVF चक्कर असफल हो सकता है। आरोपण का असफल होना, अथवा भ्रूण का गर्भाशय की दीवार के साथ जुडऩा असफल होना, अधिकतर भ्रूण की इसकी बाहरी परत में से बाहर न निकल पाने की सामथ्र्या है।

लेकार द्वारा अण्डसेना एक ऐसी विधि है जिसमें zona में एक छोटा छेद करके डाक्टर भ्रूण को गर्भाशय में स्थापित करने से पहले अवरक्त लेकार किरणों का प्रयोग किया जाता है। यह परत को कमकाोर कर देता है, जिससे भ्रूण का परत को छोडक़र बाहर निकलना आसान हो जाता है और आरोपण सफल हो जाता है।

पारम्परिक अण्डे सेना/तैयार करने की विधि की भान्ति जहां 5शठ्ठड्ड को घोलने के लिए एक अम्लीय घोल प्रयोग किया जाता है, लेकार द्वारा अण्डे सेने की ही तकनीक है, यह एक तीव्र, सुरक्षित और भ्रूण पर एक अच्छी/नरम तकीक है।

लेकार द्वारा अण्डे सेने की विधि आवश्यकता पडऩे पर प्रयोगद की जाने वाली विधि है, जब आपका जनन माहिर आरोपण के असफल होने की संभावना का कम करने के लिए अतिरिक्त ध्यान देते हैं।

लेकार द्वारा अण्डे सेने के लिए निर्देश

  • मां की बढ़ती उम्र (37 वर्षों से अधिक)
  • असफल IVF अथवा ICSI की पृष्ठभूमि
  • Zona Pellucide का साधारण से अधिक मोटा होना।
  • पिछले चक्करों में असफल निषेचन
  • Follicular उत्तेजक हारमोन (FSH) का आधारित स्तर से ऊपर उठना।
  • भ्रूण की खराब गुणवत्ता अथवा बहुत कम भ्रूण
  • जमे हुए भ्रूण की स्थापना (स्नश्वञ्ज), क्योंकि जमाने Zona Pellucida अधिक कठोर हो जाती है

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