पुरस्कार विजेता लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ। मनिका खन्ना द्वारा बंध्यता के लिए लैपरोस्कोपी

बांझपन की लैप्रोस्कोपी, अवार्ड विजेता लैप्रोस्कोपिक सर्जन डा. मनिका खन्ना द्वारा लोप्रोस्कोपी एक ऐसी विधि है जिसमें पेट तथा प्रजनन अंगों को देखा और मुरम्मत की जाती है। यह खुली सर्जरी से उलटी होती है, लैप्रोस्कोपी द्वारा आपका डाक्टर एक पतली नली द्वारा जुड़े रेशेदार कैमरे द्वारा पैलविक क्षेत्र की जांच करता है, इस यंत्र को एक छोटे से छिद्र द्वारा पेट के अंदर डाला जाता है और टी.वी. स्क्रीन पर यह प्रतिबिम्ब बनाती है और किसी बड़े चीरफाड़ की कारूरत नहीं पड़ती।

बांझपन के इलाज में लैप्रोस्कोपी को बीमारी संबंधी लक्षणों और औषध विज्ञान लक्ष्य द्वारा दोनों के लिए प्रयोग किया जाता है। बीमारी संबंधी लक्षणों और आप्रेटिव लैप्रोस्कोपिक प्रक्रियाएं आमतौर पर बेहोश करके की जाती हैं।

बीमारी के लक्षणों संबंधी लैप्रोस्कोपी

जनन इलाज में बीमारी के लक्षणों संबंधी लैप्रोस्कोपिक विधि का उद्देश्य सिस्ट, ऊतकों के निशान, चिपचिपी और लेसदार रेशेदार ट्यूमर की अनावश्यक वृद्धि की जांच करके प्रजनन अंगों का साफ चित्र देखना है। लैप्रोस्कोपी अक्सर बांझपन के इलाज की आखिरी कड़ी है और इसका प्रयोग किया जाता है-

  • नलियों में रुकावट की जांच करनी।
  • पैलविक में दर्द के कारणों की पहचान।
  • सिस्ट अथवा लेस को देखने के लिए अंडकोष की जांच करनी।
  • पैलविक भाग में एंडोमैट्रीयल की वृद्धि की जांच करनी।
  • रेशेदार ट्यूमरों की जांच करनी।

आप्रेटिव लैप्रोस्कोपी

आप्रेटिव लैप्रोस्कोपी को प्रजनन अंगों की छोटी सी सर्जिकल (चीर फाड़ संबंधी) मुरम्मत के लिए प्रयोग किया जाता है। पेट में 3-4 छेद किए जाते हैं जिसके द्वारा लैप्रोस्कोपी और अल्ट्राफाईन यंत्रों को मुरम्मत करने के लिए और दोबारा बनाने के लिए प्रभावी भाग में डाला जाता है।

लैप्रोस्कोपी सर्जरी को प्रयोग किया जाता है-

  • बहुत कम से लेकर बहुत अधिक एंडोमैट्रायोसिस की स्थिति में दागदार ऊतकों को हटाने के लिए।
  • अंडकोष के ट्यूमर और सिस्ट को हटाने के लिए और अंडकोष को दोबारा बनाने के लिए।
  • फैलोपियन नलियों की रुकावट को दूर करने के लिए।
  • एक्टोपियन गर्भधारण के इलाज के लिए (फैलोपियन नली में गर्भधारण)
  • पैलविक के चिपचिपेपन को हटाने के लिए।
  • हिस्टैरैक्टोमी (गर्भाशय को आप्रेशन द्वारा हटाना)
  • बैरीकोकैलैक्टोमी (पुरुषों के लिए बैरीकोकैली की मुरम्मत की सर्जरी)

ओपन सर्जरी पर लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के लाभ-

  • छोटा चीर फाड़ या छेद
  • कम से कम रक्त हानि
  • छोटे से आप्रेशन के बाद बेआरामी
  • जल्दी ठीक हो जाना।

लैप्रोस्कोपी के अधिकतर आप्रेशन अस्पताल से बाहर हो सकते हैं, इन विधियों में रात के समय अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं होती। रोगी उसी दिन घर वापस जा सकता है और एक या दो दिनों बाद अपने काम/दिनचर्या शुरू कर सकता है।

डा. खन्ना के साथ मिलकर सलाह लेने के लिए, सबसे अच्छे लैप्रोस्कोपिक सर्जन और दिल्ली के बांझपन के माहिर से बीमारी के इलाज संबंधी और सही लैप्रोस्कोपी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए कृप्या फोन करें +91-11-48 85 85 85 अथवा हमें लिखें info@gaudiumivfcentre.com / inquiry@gaudiumivfcentre.com