Gaudium IVF केंद्र से दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ IUI उपचार

 दिल्ली के gaudium IVF केन्द्र में सर्वोत्तम IUI ट्रीटमैंट

Intra ulerine Insemination को कृत्रिम इन्सैमीनेशन भी कहा जाता है, यह वो विधि है, जिसमें शुक्राणुओं को निषेचन होने की संभावना बढ़ाने के लिए सीधे ही औरत के गर्भाशय की गुहा में डाल दिया जाता है। जिन दम्पतियों को कृत्रिम गर्भा धारण करने में परेशानी आती है, IUI ट्रीटमैंट एक साधारण, कम दाम वाला और प्रभावशाली जनन इलाज का विकल्प है। क्योंकि IUI ट्रीटमैंट में एक स्वस्थ शुक्राणु का चयन होता है और फिर उसे सीधे ही तैयार मादा अण्डे के साथ जोड़ दिया जाता है। यह पुरुष बांझपन में काफी मददगार है।

दिल्ली का सबसे अच्छा IUI केन्द्र होने के साथ-साथ, Gaudium IVF centre आपकी निजी आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष IUI ट्रीटमैंट उपलब्ध करवाता है।

एक बार जब जनन विशेषज्ञ स्टैंडर्ड जांचके पूरा बांझपन का प्रमुख कारण पता कर लें, तब निम्नलिखित परिस्थितियों में IUI इलाज की सलाह दी जाती है।

  • अगर नर पार्टनर स्वस्थ शुक्राणु पैदा न कर सके अथवा किसी सरीरिक मैडीकल परिस्थिति के कारण ससंर्ग स्थापित करने में सक्षम न हो।
  • यदि शुक्राणुओं की संख्या अथवा गुणवत्ता (शुक्राणु की गतिशीलता, आकार और आकृति) में कोई परेशानी हो।
  • यदि पुरुष सहभागी नपुंसक हो, लिंग को खड़ा करने में असमर्थ
  • यदि स्त्री को अनियमित अथवा अंडोत्सर्ग की गैर मौजूदगी अनुभव हो।
  • यदि स्त्री में Cervix संबंधी दोष हो (जैसे संसर्ग क्रिया दौरान IUI में, शुक्राणु Cervix के संबंध में नहीं आता, क्योंकि इसे गर्भकोष की गुहा के पास रखा जाता है।
  • समलिंगी जोड़े अक्सर IUI विकल्प शुक्राणु दानी के साथ का विकल्प चुनते हैं।
  • बयां न होने वाली बांझपन की स्थिति में IUI ट्रीटमैंट एक प्रथम कड़ी है-जब बांझपन का कारण ज्ञात न हो।

IUI ट्रीटमैंट की विधि

IUI ट्रीटमैंट करवाने के लिए फैलोपियन ट्यूबों/नलियों का स्वस्थ होना आवश्यक है, उनमें कोई अवरोध नहीं होना चाहिए। इलाज के साथ-साथ, आपका डाक्टर आपके गर्भकोश की स्थिति/सेहत पता करने के लिए आपकी जांच करवाएगा। आपके अण्डोत्सर्ग को तैयार करवाने के लिए आपको जनन दवाइयां देगा और अण्डोत्सर्ग का सही समय पता करने के लिए आपकी माहवारी चक्र की जांच करेगा।

IUI ट्रीटमैंट आम तौर पर अण्डोत्सर्ग के 6 से 24 घण्टों के दौरान किया जाता है। प्रक्रिया वाले दिन नर सहभागी के शुक्राणु के नमूने को वीर्य तरल को हटाने के लिए और किसी मृत शुक्राणु को हटाने के लिए भी धोया जाता है।

आपका चिकित्सक साफ किये गए शुक्राणु को एक पतली सिलाई जिसे सलाई कहा जाता है, द्वारा गर्भकोश में रख दिया जाता है। शुक्राणु अन्दर रखने की प्रक्रिया दर्द के बिना होती है और सिर्फ 5 मिनट लगते हैं, इसमें सुन्न करने की भी कोई आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि स्पैचुला के साथ योनि को खोल कर रखा जाता है, इस कारण आप थोड़ा असहज अनुभव करोगे, पर यह शीघ्र ही टिक जाता है और आप अपनी दिनचर्या शीघ्र ही शुरू कर सकते हैं।

IUI ट्रीटमैंट शुरू करने से, डाक्टर प्रोगैस्ट्रान Suppositories (Vaginal inserts) के एण्डोमैट्रीयल की परत को सुदृढ़ बनाने के लिए देता है और भ्रूण आरोपण सफल हो जाता है। इस IUI ट्रीटमैंट को करवाने में 6 से 12 दिन लगते हैं।

कई रोगियों में गर्भधारण के लिए एक से अधिक IUI चक्करों की कारूरत भी होती है। IUI 40 वर्ष से कम आयु की औरतों में सफल हो जाता है। निजी चिकित्सा पर आधारित 40 वर्ष से अधिक आयु की औरतों को अधिक गंभीर ट्रीटमैंट जैसे कि IVF ट्रीटमैंट अथवा ICSI ट्रीटमैंट की आवश्यकता होती है।

यदि आप अच्छी गुणवत्ता की जनन रक्षा की खोज में भारत में किसी बढिय़ा IVF केन्द्र को खोज रहे हों तो कृपया फोन करें : +91-11-48 85 85 85 या हमें लिखें info@gaudiumiumivfcentre.com/ inquiry@gaudiumivfcentre.com